गुजरात हिमाचल इलेक्शन मैं गहलोत बघेल की जोड़ी से कॉंग्रेस अपने रास्ता बना पाएंगे ?
राजस्थान के नेताओं के हाथ मैं बड़ी जिम्मेदारी गुजरात की इस चुनाव के लिए। कॉंग्रेस के सियासी भविष्य के लिए बेहत अहम माने जा रहे गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव मैं पार्टी की जगह बनाने सबसे बारे जिम्मेदारी बारे सेहरा को सौप दिया गया है। इस चुनाव गहलोत दिखा पाएंगे आपना जादू , गुजरात के चुनाव में भी गहलोत ने अहम भूमिका निभाई गई देखा गया था। जानकारी के मुताबिक गहलोत आपने साथ राहुल गांधी को गुजरात के सभी अहम मंदिरों में लेकर गए थे, पीसले विधानसभा चुनाव मैं अशोक गहलोत गुजरात कॉंग्रेस के प्रभारी महासचिव थे। गुजरात के इस चुनाव मैं भी राजस्थान के नेताओं के हाथ मैं है बड़ी जिम्मेदारी यहा के प्रभारी रघु शर्मा भी राजस्थान के विधायक है, अशोक गहलोत सरकार मैं केबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद रघु को पीसले साल ही गुजरात का प्रभारी रहे। पार्टी की अहम जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल सत्ता बदलने की प्रथा को देखते हुए कॉंग्रेस इस बार सरकार बनाने की संभावना प्रबल मान रही हैं। मगर परोसी राज्य उत्तराखण्ड मैं जिस तरह से यह परंपरा टूटी है। इसे देखते ही कॉंग्रेस हिमाचल मैं कोइ रिक्श नहीं लेना चाहती हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुजरात के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट को हिमाचल प्रदेश के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है। बघेल को मिला है जिम्मेदारी
इस संबंध में केसी वेणुगोपाल ने पार्टी की तरफ से एक बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही टीएस सिंह देव और मिलिंद देवड़ा को गुजरात चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, जबकि सचिन पायलट और प्रताप सिंह बाजवा हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के पर्यवेक्षक होंगे।
National Desk, Ne India News